Madhu Arora

Add To collaction

सोनू चिरैया

सोन चिरैया
बेटी से देखो जमाना बने,
सुंदर तराना बने बेटियां।
घर की खनक बने बेटियां,
चिड़िया सी है सदा बेटियां।

सोने चिरैया बनी आंगन का मेरे,
मधुर तान जीवन की है बेटियां।
खुलाआसमान दे दो इन्हें तुम जरा,
हर उड़ान संभव करें बेटियां।

अल्हड़ सी प्यारी है उनकी छवि,
उम्र के साथ समझदारी  बड़ी।
दोनों आंगन महकाने लगी बेटियां,
प्रीत दोनों घर बढ़ाती रही बेटियां।

इतिहास भी यही, वर्तमान भी यही,
सीता भी यही मीरा भी यही
कल्पना चावला, सान्या बनी बेटियां
लक्ष्य बना अब चले यहां बेटियां।

अपना पराया  तुमने किया है यहांँ
बाबुल के घर से होती विदा बेटियां।
फर्क करते रहे तुलना करते रहे,
बेटीबन कर जो आई बहू बनाते रहे।

परायो के सदा अपनाती रही,
जीवन भर  साथ निभाती रही।
प्यार से परवरिश तुम इनकी करो,
सोन चिरैया सी देखो होती बेटियां।

आज हैं तुम्हारे आंगन की शोभा,
कल जाने कहां हो यह बेटियां।
प्यार को तरसे सदा बेटियां,
अपनापन सदा रखे बेटियां।
          रचनाकार ✍️
          मधु अरोरा
           28.4.2023
         
    

   14
5 Comments

Muskan khan

28-Apr-2023 09:06 PM

🤗

Reply

बहुत बेहतरीन

Reply

Abhinav ji

28-Apr-2023 08:52 AM

Very nice 👍

Reply